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अपनों को खोने का गम कैसे सहें?

दुखी लोगों के लिए सच्चा दिलासा

दुखी लोगों के लिए सच्चा दिलासा

अपनों को खोने का दर्द क्या होता है, इस बारे में हाल ही में कई लोगों ने खोजबीन की। जैसे हमने पहले देखा था, लोग कई तरह की सलाह देते हैं कि हम दुख से कैसे उबर सकते हैं। मगर देखा गया है कि सबसे बढ़िया सलाह वह है जो बाइबल के सिद्धांतों से मेल खाती है। इससे पता चलता है कि इस प्राचीन किताब की सलाह हर दौर के लिए फायदेमंद है। इसमें न सिर्फ दुख से उबरने के लिए अच्छी सलाह दी गयी है, बल्कि कुछ ऐसी जानकारी भी है, जो कहीं और नहीं मिलती। इससे दुखी लोगों को काफी दिलासा मिल सकता है।

  • हमारे अज़ीज़ कहीं दुख से तड़प नहीं रहे

    शास्त्र कहता है, “मरे हुए कुछ नहीं जानते।” (सभोपदेशक 9:5) ‘उनके सारे विचार मिट गए हैं।’ (भजन 146:4) शास्त्र में मौत की तुलना गहरी नींद से की गयी है।​—यूहन्‍ना 11:11.

  • परमेश्‍वर पर विश्‍वास होने से दिलासा मिलता है

    बाइबल कहती है, “यहोवा * की आँखें नेक लोगों पर लगी रहती हैं और उसके कान उनकी मदद की पुकार सुनते हैं।” (भजन 34:15) प्रार्थना करना अपने मन का बोझ हलका करने या सोच पर काबू पाने का महज़ एक नुस्खा नहीं है। परमेश्‍वर को दिल का हाल बताने से धीरे-धीरे उसके साथ एक रिश्‍ता बनेगा और वह हमें दिलासा देगा।

  • आनेवाला कल सुनहरा होगा

    शास्त्र में लिखा है कि आज जो लोग मौत की नींद सो रहे हैं, उन्हें भविष्य में धरती पर ज़िंदा किया जाएगा। यह बात शास्त्र में कई बार बतायी गयी है। उस वक्‍त परमेश्‍वर हमारी “आँखों से हर आँसू पोंछ देगा और न मौत रहेगी, न मातम, न रोना-बिलखना, न ही दर्द रहेगा।”​—प्रकाशितवाक्य 21:3, 4.

कई लोगों ने यहोवा के इस वादे पर भरोसा किया है कि उनके अज़ीज़ दोबारा ज़िंदा होंगे। इस बात से उन्हें अपना दुख सहने की ताकत मिलती है। ऐन की मिसाल लीजिए, जिसके पति की मौत हो गयी थी। उन्होंने ज़िंदगी के 65 साल साथ गुज़ारे थे। ऐन कहती है, “बाइबल पढ़कर मुझे यकीन हो गया कि हमारे अज़ीज़ों को कहीं तड़पाया नहीं जा रहा है बल्कि वे परमेश्‍वर की याद में महफूज़ हैं और वह उन्हें एक दिन फिर से ज़िंदा करेगा। जब भी मुझे अपने पति की याद आती है, तो इन्हीं बातों से मुझे हिम्मत मिलती है। यही वजह है कि मैं अपनी ज़िंदगी का सबसे बड़ा गम सह पा रही हूँ।”

टीना, जिसका ज़िक्र पहले किया गया था, कहती है, “तन्मय के जाने के बाद से मैंने हमेशा महसूस किया है कि यहोवा मुझे सहारा दे रहा है। दुख की घड़ी में परमेश्‍वर ने मुझे अपने हाथों से थाम लिया। मुझे उसके इस वादे पर पूरा यकीन है कि वह हमारे अज़ीज़ों को दोबारा ज़िंदा करेगा। इसी से मुझे जीने का हौसला मिलता है ताकि मैं उस दिन तक खुद को सँभाल सकूँ जब मैं अपने तन्मय को दोबारा देखूँगी।”

लाखों लोगों ने बाइबल में बतायी बातों से दिलासा पाया है। उन्हें पूरा भरोसा है कि इसमें लिखी बातें सच हैं। शायद आपको लगे कि ये सब खयाली बातें हैं, ये सच नहीं हो सकतीं। लेकिन इस बात के पक्के सबूत हैं कि बाइबल में दी गयी सलाह और इसमें लिखे वादे भरोसे के लायक हैं। क्यों न आप इन सबूतों को जानने की कोशिश करें? क्या पता आपको भी अपना गम सहने की ताकत मिले!

जानिए कि हमारे जो अपने नहीं रहे, उन्हें कैसी ज़िंदगी मिलेगी?

हमारी वेबसाइट jw.org में इस विषय पर कुछ वीडियो हैं

बाइबल में लिखा है कि एक दिन हम अपने बिछड़े हुए अज़ीज़ों को दोबारा अपनी बाँहों में भर लेंगे

मरे हुए लोग किस हाल में हैं?

मरने के बाद इंसान का क्या होता है? बाइबल इस बारे में जो सिखाती है उसे जानकर बहुत दिलासा मिलता है

लाइब्रेरी > वीडियो में देखिए (वीडियो > बाइबल)

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आज हर कहीं बुरी खबरें ही सुनने को मिलती हैं। ऐसे में क्या हमें कहीं कोई खुशखबरी सुनने को मिल सकती है?

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^ पैरा. 7 बाइबल के मुताबिक परमेश्‍वर का नाम यहोवा है।