भजन 14:1-7

दाविद की रचना। निर्देशक के लिए हिदायत। 14  मूर्ख* मन में कहता है, “कोई यहोवा नहीं।”+ ऐसे लोगों के काम भ्रष्ट और घिनौने होते हैं,कोई भी भला काम नहीं करता।+   मगर यहोवा स्वर्ग से इंसानों को देखता हैकि क्या कोई अंदरूनी समझ रखनेवाला है,क्या कोई यहोवा की खोज करनेवाला है।+   वे सब सही राह से हट गए हैं,+सब-के-सब भ्रष्ट हो गए हैं। कोई भी भला काम नहीं करता, एक भी नहीं।   क्या गुनहगारों में से कोई भी समझ नहीं रखता? वे मेरे लोगों को ऐसे खा जाते हैं मानो रोटी हो। वे यहोवा को नहीं पुकारते।   मगर उन सब पर खौफ छा जाएगा,+क्योंकि यहोवा नेक जनों की पीढ़ी के साथ रहता है।   गुनहगारो, तुम दीन जन की योजनाएँ नाकाम करने की कोशिश करते हो,मगर यहोवा उसकी पनाह है।+   इसराएल का उद्धार सिय्योन की तरफ से हो!+ जब यहोवा अपने लोगों को बँधुआई से लौटा ले आएगा,तब याकूब खुशियाँ मनाए, इसराएल जश्‍न मनाए।

कई फुटनोट

या “नासमझ।”

अध्ययन नोट

तसवीर और ऑडियो-वीडियो