भजन 16:1-11

दाविद का मिकताम।* 16  हे परमेश्‍वर, मेरी रक्षा कर क्योंकि मैंने तेरी पनाह ली है।+   मैंने यहोवा से कहा, “हे यहोवा, मेरा भला करनेवाला तू ही है।   धरती के पवित्र और गौरवशाली लोगमुझे बड़ी खुशी देते हैं।”+   जो दूसरे देवताओं के पीछे भागते हैं, वे अपने दुख बढ़ाते जाते हैं।+ मैं कभी उनके साथ मिलकर खून का अर्घ नहीं चढ़ाऊँगा,न ही अपने होंठों से उन देवताओं का नाम लूँगा।+   यहोवा मेरा भाग है, मुझे दिया गया हिस्सा है,+वही मेरा प्याला भरता है।+ तू मेरी विरासत की हिफाज़त करता है।   मेरे हिस्से में कई मनभावनी जगह आयी हैं। मैं अपनी विरासत से वाकई खुश हूँ।+   मैं यहोवा की तारीफ करूँगा जिसने मुझे सलाह दी है।+ रात के वक्‍त भी मेरे मन की गहराई में छिपे विचार* मुझे सुधारते हैं।+   मैं हर पल यहोवा को अपनी नज़रों के सामने रखता हूँ।+ वह मेरे दायीं तरफ रहता है, इसलिए मैं कभी हिलाया नहीं जा सकता।*+   मेरा दिल खुशियों से सराबोर है,मेरे रोम-रोम* में खुशी की लहर दौड़ रही है। और मैं* महफूज़ बसा रहता हूँ। 10  क्योंकि तू मुझे कब्र* में नहीं छोड़ देगा।+ तू अपने वफादार जन को गड्‌ढे में पड़े रहने नहीं देगा।*+ 11  तू मुझे ज़िंदगी की राह दिखाता है।+ तेरे सामने रहकर मुझे अपार सुख मिलता है,+तेरे दायीं तरफ रहना मुझे सदा खुशी* देता है।

कई फुटनोट

शब्दावली देखें।
या “मेरी गहरी भावनाएँ।” शा., “मेरे गुरदे।”
या “मैं डगमगा (या लड़खड़ा) नहीं सकता।”
शा., “मेरी महिमा।”
या “मेरा शरीर।”
या “शीओल।” शब्दावली देखें।
शा., “गड्‌ढा नहीं देखने देगा।” या शायद, “सड़ने नहीं देगा।”
या “सुख।”

अध्ययन नोट

तसवीर और ऑडियो-वीडियो