सारांश चलाएँ 1 यरूशलेम, एक विधवा जैसी वह अकेली बैठी है, त्याग दी गयी है (1) सिय्योन का महापाप (8, 9) उसे परमेश्वर ने ठुकरा दिया (12-15) उसे दिलासा देनेवाला कोई नहीं (17) 2 यरूशलेम पर यहोवा का क्रोध दया नहीं की गयी (2) यहोवा उसके लिए दुश्मन जैसा (5) सिय्योन के लिए आँसू (11-13) राहगीरों ने नगरी की खिल्ली उड़ायी (15) सिय्योन के गिरने पर दुश्मन खुश (17) 3 यिर्मयाह की भावनाएँ और उम्मीदें “मैं तेरे वक्त का इंतज़ार करूँगा” (21) परमेश्वर की दया हर सुबह नयी (22, 23) परमेश्वर उसके साथ भलाई करता है जो उस पर आस लगाता है (25) जवानों का जुआ उठाना भला है (27) परमेश्वर ने अपने पास आने का रास्ता रोका (43, 44) 4 यरूशलेम की घेराबंदी के खौफनाक अंजाम खाने की कमी (4, 5, 9) औरतों ने अपने बच्चों को उबाला (10) यहोवा ने गुस्से की आग बरसायी (11) 5 बहाली की प्रार्थना “हम पर जो गुज़री है उस पर ध्यान दे” (1) ‘धिक्कार है हम पर; हमने पाप किया’ (16) ‘हे यहोवा, हमें वापस ले आ’ (21) “हमारे पुराने दिन लौटा दे” (21) पिछला अगला प्रिंट करें दूसरों को भेजें दूसरों को भेजें विलापगीत—सारांश बाइबल की किताबें विलापगीत—सारांश हिंदी विलापगीत—सारांश https://cms-imgp.jw-cdn.org/img/p/1001070000/univ/art/1001070000_univ_sqr_xl.jpg nwtsty विलापगीत इस प्रकाशन की कॉपीराइट Copyright © 2024 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania. इस्तेमाल की शर्तें | गोपनीयता नीति | PRIVACY SETTINGS