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गीत 68

राज का बीज बोएँ

राज का बीज बोएँ

(मत्ती 13:4-8)

  1. 1. सभी को बुलाता है मालिक,

    आओ और बँटाओ तुम हाथ।

    अनोखा ये काम, ना है आसाँ,

    ना करना फिकर, याह है साथ।

    सच्‌-चा-ई का बीज करता है कमाल

    उस दिल में जो नेक और सच्चा।

    जी-जाँ से करते जब हम बोने का काम

    तो याह से हैं निभाते वफा।

  2. 2. काम होगा सफल तब हमारा

    लगाएँ जब दिल हम इस में।

    लोगों को जतन से सिखाएँ,

    सच्‌-चा-ई का बीज तब उगे।

    तकलीफों से जब मुरझाने लगे,

    तो देंगे सहारा उसे।

    सच्‌-चा-ई जब रोज़ बढ़ते देखें उन में,

    तब खुशी से हम भी खिल उठें।

(मत्ती 13:19-23; 22:37 भी देखें।)