गीत 83
“घर-घर जाकर” संदेश दें
-
1. हर एक गली, घर-घर जाके
ऐसे इंसाँ खोजें
जिनमें है भूख सच्-चा-ई की,
जो भरते हैं आहें।
हम हर कहीं सब लोगों को
खुशखबरी देते ये:
शुरू हुआ है याह का राज,
सच्-चा-ई ये सीखें।
-
2. सुनाते हैं घर-घर में हम
छुटकारे का पैगाम;
लोग पाएँगे रिहाई जब
वो लेंगे याह का नाम।
पर कैसे लें भला वो नाम
जिसे नहीं सुना?
तभी पवित्र नाम हमें
उन तक है ले जाना।
-
3. तो आओ हम घर-घर चलें,
संदेश हम राज का दें;
वो मानें या नहीं मानें,
चुन लेने दें उन्हें।
देखे यीशु ही मन उनका
वो नेक हैं या नहीं;
बस, जाके ये बताएँ हम
सच्-चा-ई है यही।
(प्रेषि. 2:21; रोमि. 10:14 भी देखें।)