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नौजवानों के सवाल

क्या हमें अपना रिश्‍ता तोड़ देना चाहिए? (भाग 1)

क्या हमें अपना रिश्‍ता तोड़ देना चाहिए? (भाग 1)

 कभी-कभी रिश्‍ता तोड़ने में ही आपकी भलाई हो सकती है। गौर कीजिए कि जिल के साथ क्या हुआ था। वह कहती है, “मेरे बॉयफ्रेंड को हमेशा मेरी चिंता रहती थी कि मैं कहाँ हूँ, क्या कर रही हूँ और किसके साथ हूँ। शुरू-शुरू में मुझे यह बहुत अच्छा लगता था लेकिन धीरे-धीरे उसकी ये चिंता इतनी बढ़ गयी कि वह मुझे उसके सिवा  किसी और के साथ समय ही नहीं बिताने देता था। यहाँ तक कि वह तब भी चिढ़ जाता था, जब मैं अपने परिवार के साथ समय बिताती थी, खासकर अपने पापा के साथ। जब मैंने अपने बॉयफ्रेंड के साथ अपना रिश्‍ता तोड़ दिया, तब मुझे ऐसा लगा मानो मेरे कंधों से एक भारी बोझ उतर गया हो!”

 सारा के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। वह जॉन नाम के लड़के के साथ डेटिंग करती थी। उसने गौर किया कि जॉन, नुक्‍ताचीनी करनेवाला, हद-से-ज़्यादा की माँग करनेवाला और रुखाई से पेश आनेवाला इंसान है। वह याद करती है, “एक बार वह मेरे घर तीन घंटे देर से आया! जब मेरी मम्मी ने दरवाज़ा खोला, तो उसने उन्हें अनदेखा कर दिया और कहने लगा, ‘जल्दी चलो, हमें देर हो गयी।’ उसने यह नहीं कहा कि ‘मुझे  देर हो गयी’ बल्कि यह कहा कि ‘हमें  देर हो गयी।’ उसे माफी माँगनी चाहिए थी और देर से आने की वजह बतानी चाहिए थी। और सबसे बढ़कर उसे मेरी मम्मी के साथ आदर से पेश आना चाहिए था!”

 माना कि अपने दोस्त की बस एक गलती या एक बुरी आदत की वजह से उसके साथ अपना रिश्‍ता तोड़ देना सही नहीं होगा। (भज. 130:3) लेकिन जब सारा ने देखा कि जॉन का रूखा व्यवहार एक बार की बात नहीं बल्कि उसकी आदत है, तो उसने उसके साथ अपना रिश्‍ता तोड़ देने का फैसला किया।

 अगर जिल और सारा की तरह आपको भी लगे कि आप जिसके साथ डेटिंग कर रहे हैं, वह आपके लिए एक सही जीवन-साथी साबित नहीं होगा तो आप क्या कर सकते हैं? अपनी भावनाओं को अनदेखा मत कीजिए!  हालाँकि उस रिश्‍ते को खत्म करना आसान नहीं होता, फिर भी ऐसा करना ही सही होगा। नीतिवचन 22:3 में लिखा है, “चतुर मनुष्य विपत्ति को आते देखकर छिप जाता है; परन्तु भोले लोग आगे बढ़कर दण्ड भोगते हैं।”

 यह सच है कि रिश्‍ता तोड़ना इतना आसान नहीं। लेकिन शादी एक अटूट बंधन है। इसलिए आज कुछ समय के लिए दर्द सहना, बाद में ज़िंदगी भर पछताने से तो बेहतर ही होगा!