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1 | प्रार्थना कीजिए​—“सारी चिंताओं का बोझ उसी पर डाल दो”

1 | प्रार्थना कीजिए​—“सारी चिंताओं का बोझ उसी पर डाल दो”

पवित्र शास्त्र में लिखा है, “अपनी सारी चिंताओं का बोझ [परमेश्‍वर] पर डाल दो क्योंकि उसे तुम्हारी परवाह है।”​—1 पतरस 5:7.

इसका क्या मतलब है?

यहोवा परमेश्‍वर चाहता है कि हम उससे बात करें। हमारे मन में जो भी डर, चिंताएँ और परेशानियाँ हैं, वे सब उसे बताएँ। (भजन 55:22) हम हर समस्या के बारे में उसे बता सकते हैं, फिर चाहे वह बड़ी हो या छोटी। यहोवा को हमारी परवाह है, इसलिए वह हमारी छोटी-से-छोटी परेशानी को भी नज़रअंदाज़ नहीं करता। यहोवा से प्रार्थना करने से ही हमें मन की शांति मिल सकती है।​—फिलिप्पियों 4:6, 7.

क्या कदम उठाएँ?

जब हम किसी मानसिक बीमारी से जूझ रहे होते हैं, तो हम शायद खुद को बहुत अकेला महसूस करें। वह इसलिए कि कई बार हम पर क्या गुज़र रही है, यह बात दूसरे पूरी तरह नहीं समझ पाते। (नीतिवचन 14:10) लेकिन जब हम अपने दिल का हाल परमेश्‍वर को बताते हैं, तो वह हमेशा हमारी सुनता है और हमें समझता भी है। यहोवा हम पर ध्यान देता है, वह हमारा दर्द, हमारी तकलीफ अच्छी तरह जानता है। और वह चाहता है कि हम उससे प्रार्थना करें और ये सारी बातें खुलकर उसे बताएँ।​—2 इतिहास 6:29, 30.

यहोवा से प्रार्थना करने से हमारा यकीन बढ़ेगा कि उसे हमारी परवाह है। हम पुराने ज़माने के परमेश्‍वर के एक सेवक की तरह महसूस कर पाएँगे, जिसने प्रार्थना में उससे कहा, “तूने मेरा दुख देखा है, तू मेरे मन की पीड़ा जानता है।” (भजन 31:7) यहोवा हमारा दुख देखता है, सिर्फ यह बात जानकर ही हमें मुश्‍किल-से-मुश्‍किल हालात पार करने की हिम्मत मिल जाती है। और वह हमारी तकलीफें सिर्फ देखता ही नहीं बल्कि उन्हें समझता भी है। वह हमें इतनी अच्छी तरह समझता है जितना और कोई नहीं! और वह बाइबल के ज़रिए हमें दिलासा और हौसला देता है।