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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)

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इस संस्करण की खासियतें

अँग्रेज़ी में नयी दुनिया अनुवाद मसीही यूनानी शास्त्र  सन्‌ 1950 में निकाला गया था और पूरी बाइबल यानी पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद  सन्‌ 1961 में प्रकाशित किया गया था। यह एक ऐसी बाइबल है जिसका अनुवाद मूल भाषा यानी इब्रानी, अरामी और यूनानी से किया गया है। यह अनुवाद बिलकुल सही है और आसानी से पढ़ा जा सकता है। जब से यह बाइबल निकली है, तब से इसका अनुवाद 210 से भी ज़्यादा भाषाओं में हो चुका है और इसे पढ़कर लाखों लोगों को फायदा हुआ है।

‘नयी दुनिया बाइबल अनुवाद समिति’ इस बात को समझती है कि बाइबल का अनुवाद ऐसी भाषा में किया जाना चाहिए जो आज के ज़माने के लोगों के दिल को छू जाए। इसलिए इस अनुवाद में लिखने की शैली और शब्दों के चुनाव के मामले में कुछ खास सिद्धांतों को ध्यान में रखा गया है। यह इसलिए किया गया है ताकि आगे बताए लक्ष्यों को हासिल किया जा सके:

  • नए ज़माने की भाषा जो आसानी से समझ आए। इस अनुवाद में पुराने और मुश्‍किल शब्दों की जगह ऐसे शब्द इस्तेमाल हुए हैं जो आज बहुत आम हैं और आसानी से समझ आते हैं। उदाहरण के लिए, “छूछे हाथ” बहुत पुराना शब्द है और बहुत कम लोग इसे समझते हैं, इसलिए इसकी जगह “खाली हाथ” लिखा गया है। (रूत 3:17) शब्द “चितौनी” आजकल इतना इस्तेमाल नहीं किया जाता और इसका मतलब चेतावनी हो सकता है। इससे मूल पाठ का गलत मतलब निकल सकता है इसलिए “चितौनी” की जगह “याद दिलाने के लिए हिदायत” लिखा गया है। (भजन 78:5) “ऋतुमति” की जगह “माहवारी” इस्तेमाल किया गया है क्योंकि शब्द “ऋतुमति” आज शायद ही कोई समझता है। (लैव्यव्यवस्था 12:5) ‘रखैल’ की जगह “उप-पत्नी” लिखा गया है क्योंकि ‘रखैल’ ऐसी औरत को कहा जाता है जो किसी आदमी के साथ नाजायज़ रिश्‍ता रखती हो, जबकि मूल पाठ के मुताबिक यहाँ “उप-पत्नी” होना चाहिए। (उत्पत्ति 35:22) “लहू” की जगह “खून,” “स्वामी” की जगह “मालिक,” “स्त्री” और “पुरुष” की जगह “आदमी” और “औरत,” “हृदय” की जगह “दिल,” “मनुष्य” की जगह “इंसान,” “वस्त्र” की जगह “कपड़े,” “सत्य” की जगह “सच्चाई” और “मृत्यु” की जगह “मौत” लिखा गया है क्योंकि ये आम बोलचाल के शब्द हैं।—उत्पत्ति 4:10; 24:35; लैव्यव्यवस्था 13:29; भजन 26:2; यिर्मयाह 10:23; जकरयाह 8:23; यूहन्‍ना 8:32; रोमियों 5:12.

    मूल भाषा के जिस शब्द का अनुवाद हिंदी—ओ.वी.  बाइबल में “खराई” किया गया है, वह ज़्यादातर लोगों को समझ नहीं आता और मूल इब्रानी शब्द का सही मतलब नहीं देता। “खराई” के लिए इस्तेमाल होनेवाले मूल इब्रानी शब्द का मतलब दरअसल “निर्दोष” या “बेदाग” है। इसलिए इस अनुवाद में मतलब को ध्यान में रखते हुए खराई के बदले “निर्दोष,” “निर्दोष मन,” “निर्दोष चालचलन,” “जिसमें कोई दोष नहीं” जैसे शब्द इस्तेमाल किए गए हैं।—यहोशू 24:14; 1 राजा 9:4; 1 इतिहास 29:17; अय्यूब 1:8.

    कुछ हिंदी बाइबलों में इस्तेमाल हुआ शब्द “पत्थरवाह” इतना जाना-माना शब्द नहीं है। “पत्थरवाह” के लिए मूल भाषाओं में जो शब्द इस्तेमाल हुआ है उसका मतलब है “पत्थरों से मार डालना।” इसराएल देश में मौत की सज़ा के लायक अपराधी को इसी तरह मार डाला जाता था। इसलिए इस बाइबल में “पत्थरवाह” के बजाय “पत्थरों से मार डालना” लिखा गया है।—लैव्यव्यवस्था 20:27.

  • बाइबल के शब्दों की सही समझ दी गयी है। ज़्यादातर बाइबलों में कुछ ऐसे शब्द इस्तेमाल हुए हैं जिनसे गलत शिक्षाओं को बढ़ावा मिला है। उदाहरण के लिए, इब्रानी शब्द शीओल  और यूनानी शब्द हेडीज़  का अनुवाद हिंदी बाइबलों में “अधोलोक” किया गया है। “अधोलोक” का मतलब पाताल समझा जाता है, यानी धरती के नीचे ऐसी जगह जहाँ इंसान मरने के बाद भी ज़िंदा रहता है। मगर मूल भाषाओं में शीओल  और हेडीज़  का मतलब कब्र है जहाँ सभी मुरदे दफन हैं। इसलिए इस संस्करण में “अधोलोक” की जगह “कब्र” शब्द का इस्तेमाल हुआ है।—भजन 16:10; प्रेषितों 2:27.

    कई बाइबलों में इब्रानी शब्द रुआख  और यूनानी शब्द नफ्मा  का अनुवाद “आत्मा” किया गया है जिससे अमर आत्मा की गलत शिक्षा को बढ़ावा मिला है। रुआख  और नफ्मा  का असल में मतलब है साँस। इसके अलावा इन शब्दों के ये मतलब भी हैं: मन का स्वभाव, अच्छे या बुरे स्वर्गदूत, जान, मन, शक्‍ति, पवित्र शक्‍ति, जोश, हवा वगैरह। इसलिए इस संस्करण में मतलब को ध्यान में रखते हुए इन्हीं शब्दों का इस्तेमाल किया गया है।—उत्पत्ति 6:17; गिनती 14:24; 1 राजा 22:21; भजन 31:5; नीतिवचन 18:12; दानियेल 4:8; मत्ती 28:19, 20; लूका 1:17.

    हिंदी बाइबलों में एक और शब्द का इस्तेमाल हुआ है जो गलत मतलब देता है, वह है “क्रूस” जबकि इसके मूल भाषा के शब्द का मतलब लकड़ी का सीधा खंभा है। और जिस खंभे पर मौत की सज़ा दी जाती थी वह नुकीला नहीं होता था जबकि “सूली” का मतलब नुकीली छड़ भी हो सकता है। इसलिए इस अनुवाद में “क्रूस” या “सूली” की जगह “काठ” शब्द इस्तेमाल किया गया है। (व्यवस्थाविवरण 21:23; मत्ती 27:31) उसी तरह, शब्द “धर्मी” या “धार्मिकता” का मतलब सिर्फ धर्म को मानना या धार्मिक होना समझा जाता है जबकि इसके मूल भाषा के शब्दों का मतलब नेक, नेकी, सच्चा, सही काम करना, न्याय वगैरह है। इसलिए “धार्मिकता” की जगह इन्हीं शब्दों का इस्तेमाल किया गया है।—व्यवस्थाविवरण 33:21; नहेमायाह 9:8; अय्यूब 34:17; 2 पतरस 3:13.

    और भी ऐसे कुछ शब्द हैं जो बहुत-से लोग नहीं समझते या उनका गलत मतलब समझते हैं। इसलिए उन शब्दों की जगह दूसरे शब्दों का इस्तेमाल हुआ है। जैसे “पुनरुत्थान” की जगह ‘मरे हुओं का फिर से ज़िंदा होना,’ “भूत साधना” या “भूत-सिद्धि” की जगह “मरे हुओं से संपर्क करने का दावा करना,” “छुड़ौती” की जगह “फिरौती,” “प्रेरित” की जगह “प्रेषित” और “कलीसिया” की जगह “मंडली।” उसी तरह, जिन शब्दों का लाक्षणिक और शाब्दिक मतलब है उन्हें ज़्यादातर वैसे ही लिखा गया है। मगर जहाँ उन्हें लिखने से अटपटा लग सकता है, वहाँ उनका मतलब अनुवाद किया गया है और उन शब्दों को फुटनोट में डाल दिया गया है जैसे “मुँह,” “हाथ,” “सींग” वगैरह।—निर्गमन 23:13; गिनती 20:20; भजन 148:14.

  • पढ़ने में आसान। इस अनुवाद में हिंदुस्तानी भाषा का इस्तेमाल हुआ है जो ज़्यादातर लोग बोलते हैं ताकि बाइबल का यह अनुवाद पढ़ने और समझने में आसान हो। इसके अलावा, कुछ नामों की वर्तनी भी बदली गयी है ताकि वे आसानी से पढ़े जाएँ। जैसे दानिय्येल को दानियेल, कदोर्लाओमेर को कदोर-लाओमेर, एसर्हद्दोन को एसर-हद्दोन, महेर्शालाल्हाशबज को महेर-शालाल-हाश-बज़, नेर्गलसरेसेर को नेरगल-शरेसेर, पर्शन्दाता को परशनदाता, तिलगत्पिलनेसेर को तिलगत-पिलनेसेर।

इस संस्करण की कुछ और खासियतें:

इस संस्करण में नीचे बताए किस्म के फुटनोट हैं:

  • “या” इब्रानी, अरामी और यूनानी शब्दों को अनुवाद करने का दूसरा तरीका जिससे मतलब नहीं बदलता।—उत्पत्ति 1:2, “ज़ोरदार शक्‍ति” पर दिया फुटनोट; यहोशू 1:8, “धीमी आवाज़ में पढ़ना।”

  • “या शायद” पाठ का अनुवाद करने का एक दूसरा तरीका जिससे थोड़ा अलग मतलब निकलता है।—उत्पत्ति 21:6, “हँसी खिल उठेगी”; जकरयाह 14:21, “कनानी।”

  • “शा.” इब्रानी, अरामी और यूनानी शब्दों का शब्द-ब-शब्द अनुवाद या मूल पाठ से मिलता-जुलता मतलब।—निर्गमन 4:12, “मैं तेरी मदद करूँगा”; व्यवस्थाविवरण 32:14, “रसीले अंगूरों।”

  • शब्दों का मतलब और उससे जुड़ी जानकारी शब्दों का मतलब (उत्पत्ति 3:17, “आदम”; निर्गमन 15:23, “मारा”); नाप-तौल की जानकारी (निर्गमन 30:13); सर्वनाम किसके लिए है (उत्पत्ति 38:5, “वह”); अतिरिक्‍त लेख और शब्दावली में फायदेमंद जानकारी।—उत्पत्ति 37:35, “कब्र”; मत्ती 5:22, “गेहन्‍ना।”

इस अनुवाद की शुरूआत में “परमेश्‍वर के वचन को जानिए” भाग में बाइबल की बुनियादी शिक्षाएँ चंद शब्दों में दी गयी हैं। बाइबल की आखिरी किताब के तुरंत बाद “बाइबल की किताबों की सूची,” “बाइबल के शब्दों की सूची” और “बाइबल की शब्दावली” दी गयी है। बाइबल की शब्दावली में समझाया गया है कि कुछ शब्दों का बाइबल में क्या मतलब है। अतिरिक्‍त लेख “क” में यह जानकारी दी गयी है: “बाइबल के अनुवाद के सिद्धांत,” “ इस संस्करण की खासियतें,” “बाइबल हम तक कैसे पहुँची,” “इब्रानी शास्त्र में परमेश्‍वर का नाम,” “मसीही यूनानी शास्त्र में परमेश्‍वर का नाम,” “चार्ट: यहूदा और इसराएल के भविष्यवक्‍ता और राजा” और “यीशु की ज़िंदगी की खास घटनाएँ।” अतिरिक्‍त लेख “ख” में नक्शे, चार्ट और ऐसी जानकारी है जो बाइबल का गहराई से अध्ययन करनेवालों के लिए फायदेमंद है।

बाइबल की हर किताब के शुरू में उस किताब के अध्यायों का सारांश और उससे जुड़ी आयतें दी गयी हैं, जिससे पूरी किताब की एक झलक मिलती है। हर अध्याय के बीच में उसकी आयतों से संबंधित दूसरी आयतों की एक सूची है।