नीतिवचन 2:1-22

2  हे मेरे बेटे, अगर तू मेरी बातों को माने,मेरी आज्ञाओं को खज़ाने की तरह सँभालकर रखे,+   बुद्धि की बातों पर कान लगाए,+पैनी समझ की बातों पर मन लगाए,+   अगर तू समझ को पुकारे,+पैनी समझ को ज़ोर-ज़ोर से आवाज़ लगाए,+   अगर तू इन्हें चाँदी की तरह ढूँढ़ता रहे,+छिपे हुए खज़ाने की तरह खोजता रहे,+   तब तू समझेगा कि यहोवा का डर मानना क्या होता है+और तुझे परमेश्‍वर का ज्ञान हासिल होगा।+   क्योंकि बुद्धि यहोवा ही देता है,+ज्ञान और पैनी समझ उसी के मुँह से निकलते हैं,   उसके पास ऐसी बुद्धि का भंडार है, जिससे सीधे लोगों को फायदा होता है।निर्दोष चाल चलनेवालों के लिए वह ढाल है।+   वह न्याय की राहों पर नज़र रखता हैऔर अपने वफादार लोगों के मार्ग की हिफाज़त करता है।+   तू यह भी समझेगा कि नेकी, न्याय और सीधाई क्या है,हाँ, तू सब भली राहें जान पाएगा।+ 10  जब बुद्धि तेरे दिल में उतरेगी+और ज्ञान तेरे जी* को भाने लगेगा,+ 11  जब सोचने-परखने की शक्‍ति तुझ पर नज़र रखेगी+और पैनी समझ तेरी हिफाज़त करेगी, 12  तब तू गलत रास्ते पर जाने से बचेगा,उन आदमियों से दूर रहेगा जो टेढ़ी बातें कहते हैं,+ 13  जो अँधेरी राहों पर चलने के लिए+सीधाई का रास्ता छोड़ देते हैं, 14  जिन्हें बुरे काम करने में मज़ा आता है,गंदी और घिनौनी बातें जिन्हें उमंग से भर देती हैं, 15  जिनकी राहें टेढ़ी हैंऔर जिनके सारे काम कपट से भरे हैं। 16  बुद्धि तुझे नीच* औरत से बचाएगी,बदचलन* औरत की चिकनी-चुपड़ी बातों से बचाएगी,+ 17  जिसने अपनी जवानी के करीबी साथी* को छोड़ दिया+और अपने परमेश्‍वर का करार भूल गयी। 18  उसके घर जाना, मौत के मुँह में जाना है,उसकी डगर कब्र की ओर ले जाती है।+ 19  उसके साथ संबंध रखनेवाला कभी लौटकर नहीं आएगा,न ज़िंदगी की राह पर फिर कभी चल पाएगा।+ 20  इसलिए अच्छे लोगों की राह पर चल,नेक जनों के रास्ते पर बना रह,+ 21  क्योंकि सिर्फ सीधे-सच्चे लोग धरती पर बसेंगे,निर्दोष लोग ही इस पर रहेंगे,+ 22  मगर दुष्टों को धरती से मिटा दिया जाएगा+और विश्‍वासघातियों को उखाड़ दिया जाएगा।+

कई फुटनोट

शब्दावली में “जीवन” देखें।
शा., “परायी।”
शा., “परदेसी।”
या “के पति।”

अध्ययन नोट

तसवीर और ऑडियो-वीडियो